मप्र सरकार नर्मदा नदी में राजघाट (बड़वानी) से गुजरात के केवड़िया (सरदार सराेवर बांध) तक क्रूज चलाएगी। सर्वे के बाद इसका प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है। यात्रा पैकेज 3 दिन और 2 रात का रहेगा। रूट पर पड़ने वाले गांवों का भ्रमण भी कराया जाएगा। छह से आठ महीने में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। इंदौर से राजघाट की दूरी करीब 160 किमी है। शहर के लोगों के लिए इतने करीब यह पहला ऐसा रोमांचक पर्यटन होगा। नर्मदा जयंती (1 फरवरी) से पहले भास्कर टीम ने बोट से नर्मदा में राजघाट से केवड़िया के ठीक पहले तक 3 राज्य और 5 जिले में 150 किमी का सफर किया।
- 1312 किमी लंबी है नर्मदा अमरकंटक से भड़ूच तक
- 1079 किमी का सफर तय करती है मप्र में
- 98,496 वर्ग किमी एरिया नर्मदा बेसिन का 4 राज्याें में
बैकवाटर सड़क पर, डूबे गांव, 100 किमी तक नहीं मिला किनारा, न माेबाइल नेटवर्क, न बिजली; टॉर्च की रोशनी का सहारा बड़वानी से राजघाट के लिए कार से जाने लगे ताे देखा कि सड़क पर कुछ लोग नर्मदा की फोटो रख पूजा कर रहे हैं। पता चला कि बैकवॉटर सड़क पर है और पूजा करने लायक स्थिति भी यहीं है। बोट को सड़क किनारे बुलवाकर उस पर चढ़े। करीब आधा किमी बाद बोट वाले ने बताया, यही मुख्य नदी है। दोनों ओर पहले नजर आने वाले गांव नहीं थे। थोड़ा सा आगे निकले तो देखा निसरपुर स्थित कोटेश्वर एक बार की बर्बादी देख फिर जागृत होने के इंतजार में है। इसके बाद 100 किमी में किनारा नहीं मिला। न कहीं खाने की दुकान, न बिजली न मोबाइल का नेटवर्क। टाॅर्च की रोशनी में मछली का जाल बिछाए वनवासी जरूर दिखे। इस रूट पर 100 से ज्यादा टापू और पांच बड़े मोड़ हैं।